विद्यालय में मेरा पहला दिन हिंदी निबंध | My First Day in School Essay in Hindi

विद्यालय में मेरा पहला दिन हिंदी निबंध | My First Day in School Essay in Hindi

स्कूल में मेरा पहला- पहला दिन आज भी मुझे अच्छी तरह याद है। सचमुच यह एक स्मरणीय दिन था। यह मेरे जीवन के एक नये अध्याय का प्रारंभ था। दिन था सोमवार लेकिन तारीख मुझे याद नहीं आ रही । तब मैं लगभग 6 वर्ष का था। माँ ने मुझे उस दिन जल्दी ही उठा दिया था। स्नान कराकर नाश्ता कराया था। फिर स्कूल की यूनीफॉर्म पहनाकर मुझे पापा के साथ स्कूल भेजा था। मेरी बड़ी बहन उस स्कूल में पहले से ही पढ़ती थीं। वह पांचवी कक्षा की छात्रा थीं।

मेरे पिताजी अपनी कार में मुझे विद्यालय ले गये थे। पार्किंग लॉट में गाड़ी खड़ी करके हम लोग प्रधानाचार्य के कक्ष में गये। मुझे अपनी पहली कक्षा में ले जाया गया। तब पिताजी वापस घर चले गये। हमारी कक्षा – अध्यापिका सुघड़-सी एक महिला थीं। नाम था उनका सुमित्रा । उन्होंने मुझे पहली कतार में बड़े स्नेह से बिठाया। मुझे एक-दो खिलौने और चॉकलेट भी दीं। मैं प्रसन्न था। दूसरे बच्चे भी खुश थे। बड़ी चहल-पहल थी ।

खेल-घंटे में मैं अपनी बहन के साथ रहा। उसके साथ खाया-पीया ओर फिर कैंटीन में जाकर ठंडा पेय लिया। चारों तरफ लड़के और लड़कियाँ थे। सब अपने-अपने खाने-पीने, गपशप और दूसरे कार्यों में व्यस्त थे। मेले जैसा लग रहा था। एक बजे छुट्टी की घंटी बजी। मेरी बहन दौड़ती हुई मुझे लेने आयीं और मुझे गोद में उठाकर बड़ा प्यार किया। मेरी माँ मुख्य द्वार पर हमारी प्रतीक्षा कर रही थीं। हम उस दिन एक टैक्सी से घर आये थे।

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