रेडियो का महत्व पर निबंध

रेडियो का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Radio in Hindi

विज्ञान के चमत्कारों ने मनुष्य को आश्‍चर्यचकित कर दिया है, अथवा यह भी कह सकते हैं कि असंभव को संभव करके दिखा दिया है। रेल, विद्युत्, मोटर, सिनेमा, बेतार का तार इत्यादि विज्ञान की ही कृपा से प्राप्त हुए हैं। रेडियो तो मनुष्य-जाति के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुआ है।

रेडियो के द्वारा बिना किसी तार की सहायता के एक स्थान के समाचार दूर-दूर स्थानों पर भेजे जा सकते हैं। इसका उपयोग दूर-दूर के समाचार सुनने, गीत व व्याख्यान आदि सुनने में किया जाता है, जहाँ से इन सबका प्रसारण किया जाता है। उसे प्रसारण-केंद्र या ‘ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन’ कहते हैं। उस स्टेशन से भेजे समाचार उन सब लोगों के पास पहुँच जाते हैं, जिनके पास यह रेडियो होता है, चाहे वह ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन से कितनी ही दूर क्यों न हो।

यदि लंदन के ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन से समाचार भेजा जाए तो यहाँ वह कुछ मिनटों में ही आ जाएगा, और जिसके पास रेडियो है, वह उस समाचार को सुन सकेगा। कितना अनोखा आविष्कार है यह! इससे घर बैठे ही देश-विदेश के सारे समाचार सुने जा सकते हैं।

इसका आविष्कार इटली के एक वैज्ञानिक ने सन् १८९६ में किया था। उन महाशय का नाम जी. मारकोनी था। वह सन् १८७५ से ही इसके प्रयोग कर रहे थे। उनके आविष्कार के पश्‍चात् अब तक के रेडियो में उत्तरोत्तर सुधार होते जा रहे हैं और इसकी उन्नति के लिए बड़े-बड़े वैज्ञानिक प्रयत्नशील हैं।

रेडियो का सबसे पहला ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन इंग्लैंड में बनाया गया था। अब तो धीरे-धीरे अनेक देशों में कई ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन खुल चुके हैं।

रेडियो से अनेक लाभ हैं। सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि दूर-से-दूर स्थित स्थानों के समाचार हमें तत्काल सुनने को मिल जाते हैं। जब रेडियो नहीं था तब इस कार्य में बहुत लंबा समय लगता था। अब तो न्यूयॉर्क के भाषण को रेडियो की सहायता से हम वैसे ही सुन सकते हैं जैसे न्यूयॉर्क में बैठा हुआ व्यक्ति सुनता है। इसके अतिरिक्त रेडियो मनोरंजन का एक श्रेष्ठ और सस्ता साधन है। अच्छे-से-अच्छे गायक का गीत हम घर बैठे सुन सकते हैं।

इसके पहले लोग ग्रामोफोन से मन बहलाते थे। मनोरंजन के अतिरिक्त इससे एक बड़ा लाभ यह भी हुआ है कि इसके आविष्कार से समुद्री यात्रा बहुत कुछ भय-रहित हो गई है। समुद्री जहाजों में रेडियो लगे रहते हैं। ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन से इन जहाजोें को खतरे की सूचना दे दी जाती है। इस प्रकार वे सावधान हो जाते हैं और आनेवाले संकट से बच जाते हैं। रेडियो के अभाव में इन जहाजों को न जाने कितने प्राणों और माल की आहुति देनी पड़ती थी।

इसके अतिरिक्त रेडियो से शिक्षा के प्रचार में बहुत मदद मिल सकती है। यदि जगह-जगह रेडियो लगवा दिए जाएँ और किसी ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन से किसी वैज्ञानिक द्वारा व्याख्यान दिलवाया जाए तो उसे सुनकर लोग उससे काफी लाभ उठा सकते हैं।

इसी प्रकार नई-नई बातें भी बताई जा सकती हैं और जनता में जागृति उत्पन्न की जा सकती है। रेडियो प्रचार का भी एक अच्छा साधन है। रेडियो द्वारा हम अपनी बातों को कम-से-कम समय में दूर-से-दूर स्थानों तक पहुँचा सकते हैं।

व्यापारियों के लिए तो यह बड़े काम की चीज है। बाजार भाव तथा नई-नई वस्तुओं की जानकारी इसके माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार उन्हें व्यापार में सुविधा मिल सकती है। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ अपने उत्पादों के विज्ञापन भेज सकती हैं और अपने व्यापार का विस्तार कर सकती हैं। किसी विचार के विरोध या पक्ष में प्रचार करने के लिए रेडियो सर्वोत्तम साधन है।

समाचार-पत्रों और पुस्तकों में लिखी हुई बातों को केवल पढ़े-लिखे ही जान सकते हैं, परंतु रेडियो द्वारा अनपढ़ों तक भी संदेश भेजा जा सकता है। रेडियो द्वारा ग्राम-सुधार के कार्य बड़ी सुगमतापूर्वक किए जा सकते हैं।

भारत में असाक्षरोें की संख्या बहुत अधिक है। समाचार-पत्र और पुस्तकें उनके लिए व्यर्थ हैं। वे दुनिया की दौड़ में बहुत पीछे हैं। उन्हें अशिक्षा के इस गड्ढे से निकालने का काम रेडियो द्वारा सुगमता से किया जा सकता है। यदि ग्राम-सुधार का एक ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन अलग से बनवा दिया जाए और उससे देहात के जीवन से संबंधित बातें उन लोगों तक पहुँचाई जाएँ तो बहुत लाभ हो सकता है। उनकी सामाजिक कुरीतियों, अंध-विश्‍वासों और रूढ़ियों को दूर करने में जितनी सहायता रेडियो से मिल सकती है उतनी शायद ही किसी अन्य माध्यम से मिल सके।

कृषि से संबंधित नवीन बातें बताकर किसानों की आर्थिक दशा में भी सुधार किया जा सकता है। रेडियो के द्वारा किसानों को नए-नए खाद, उन्नत किस्म के बीज तथा कृषि-यंत्रों के बारे में तथा मौसम संबंधी जानकारी देकर उपयोगी सहायता की जा सकती है।

दूरदर्शन के आने के बाद भी गाँवों में इसकी लोकप्रियता पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है। शहरों से अधिक गाँवों में इसका प्रचार बड़ी शीघ्रता से बढ़ रहा है।

जब से ‘एफ.एम.’ (Frequency Module) और ‘ज्ञानवाणी’ चैनल शुरू हो गए हैं तब से रेडियो की महत्ता और उपयोगिता और बढ़ गई है। इस कारण रेडियो की माँग काफी बढ़ गई है।

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